हाँ मैं बिहार हूँ …सत्यदेव कुमार
हाँ मैं बिहार हूँ ।
मैं विश्व को बुद्ध का अवतार दिया हूँ ।
मैं विश्व को अहिंसा का संस्कार दिया हूँ
मैं दशमलव और शून्य का ज्ञान दिया हूँ
मैं आर्यभट्ट को ख़गोल का प्रमाण दिया हूँ
हाँ मैं बिहार हूँ ।
मैं प्रथम हुँ ,पूरे विश्व को नालंदा की शिक्षा से सिंचा हूँ ।
मैं प्रथम हुँ ,लिच्छवि बनकर लोकतंत्र लिखा हूँ
मैं बुद्ध और महावीर बनकर हिंसा का कान खींचा हूँ
मैं अशोक बनकर अखंड भारत का इतिहास रचा हूँ
मैं हीं चाणक्य कि कूटनीति का किला हूँ ।
मैं माता सीता को जना हुँ और गुरु गोविंद को पला हूँ ।
मैं इस्लाम के सूफियों का भी सिलसिला हूँ ।
हाँ मैं बिहार हूँ
मैं आजादी में अस्सी का जंगी तलवार बना हूँ ।
हर युग में में अपनें दुश्मनों के लिए जलजला हूँ
मैं चम्पारण से गाँधी का अवतार दिया हूँ
मैं आजादी में सत्याग्रह प्रथम वार किया हूँ ।
हाँ मैं वही बिहार हूँ ।
मैं वर्तमान में राष्ट्र चिन्ह बना हूँ ।
मैं मजदूर से लेकर राष्ट्रपति तक सफर किया हूँ
मैं संस्कार हुँ ,देश के लिए आभार हूँ ।
मैं आज भले हीं किसी एक वजह लाचार हूँ ।
न की मैं पूरा बीमार हूँ ।
मैं भलें हीं उस बेटी के लिए लज्जित हूँ ।
पर दुष्ट के लिए कानून से सुसज्जित हूँ ।
मैं हर ठोकर खाकर तैयार हूँ ।
मैं देश के लिए समझदार हूँ ।
हर भारतीयों का प्यार हूँ ।
हाँ मैं बिहार हूँ ।