सत्यदेव कुमार रात की बात ही निराली है देखा हूँ सुबह से भूखे की हाथ में थाली है दिन भर की मजबूरी की मजदूरी में सना हाथ रात के चावल…
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July 2019
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सत्यदेव कुमार ऐ दिल तेरे पास होकर भी हम तन्हाई में हैं तू थाम ले मेरे दिल को अपने दिल से हम तेरे ही परछाई में हैं तेरे हालत में…
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सत्यदेव कुमार कागजों पे लिपट के रह गई है मोहब्बत दिखावट और लिखावट में रह गई है मोहब्बत आज -कल सज्ज -धज्ज के चली खुद को सजाने पर रास्ते में…