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कुछ तो टूटा था जो जुड़ न सका…सत्यदेव...
तुम किताब -सी होती मैं पन्नों -सा पढ़ता
वो मुझ से लिपट कर रोती रही …सत्यदेव...
इश्क़ में ऐसी मेरी हलात है
पत्थरों की आवाज गूँज रही है
इश्क़ में गिरकर संभलना आ जाता
उसे मेरी याद आती तो होगी
राजनेताओं के राजनीत से देश शर्मिंदा है
बेबजह मानसून सी बरसात हो तुम
ऐ दिल तेरे पास होकर भी हम तन्हाई...
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POEM

कुछ तो टूटा था जो जुड़ न सका…सत्यदेव कुमार

March 5, 2019 0 comment
FeaturedPOEM

मजबूर हूँ ,,मजदूर हूँ …..(सत्यदेव कुमार)

May 1, 2020 0 comment
FeaturedPOEM

अचानक से मिली वो मुझे

March 22, 2020 0 comment
POEMसमाज

मैं उनका शहर बना, वो मेरी गाँव हो गई ।

January 10, 2020 0 comment
POEMसमाज

पत्थरों की आवाज गूँज रही है

December 16, 2019 0 comment
POEM

तुम बड़े हो गये हो ,कहकर छीन लिया बचप्पन

November 18, 2019 0 comment
POEM

तुम किताब -सी होती मैं पन्नों -सा पढ़ता

November 18, 2019 0 comment
    POEM

    कुछ तो टूटा था जो जुड़ न सका…सत्यदेव कुमार

    by SATYADEO KUMAR March 5, 2019
    written by SATYADEO KUMAR
    March 5, 2019
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  • FeaturedPOEM

    मजबूर हूँ ,,मजदूर हूँ …..(सत्यदेव कुमार)

    by SATYADEO KUMAR May 1, 2020
    by SATYADEO KUMAR May 1, 2020

    मजदूरी करने पर मजबूर हूँ । हाँ मजदूर हुँ । समाज का बोझ उठाता हूँ । धूप में भी पसीने से खुद को ठंडक पहुंचाता हूँ ये समाज भलें हीं…

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  • FeaturedPOEM

    अचानक से मिली वो मुझे

    by satyadeo March 22, 2020
    by satyadeo March 22, 2020

    अचानक से मिली वो मुझे …. जैसे लगा वो तुम हीं हो…. ढूंढने लगा दिल की धधक से उस में तुम्हें …. वो नयन ,नख्श सब तराशा … पर तुम…

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  • POEMसमाज

    मैं उनका शहर बना, वो मेरी गाँव हो गई ।

    by satyadeo January 10, 2020
    by satyadeo January 10, 2020

    मैं उनका शहर बना वो मेरी गाँव हो गई । मैं उनका शहरी छत बना वो मेरे लिए पीपल की छाँव हो गई मैं उनके शहर का सिर्फ एक अधिकारी…

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  • POEMसमाज

    पत्थरों की आवाज गूँज रही है

    by satyadeo December 16, 2019
    by satyadeo December 16, 2019

      पत्थरों की आवाज गूँज रही है पत्थरों की आवाज गूँज रही है सुनो चुप हो जाओ ये जनता है नाराज घूम रही है जोर की शोर -शराबा है गंदी…

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    तुम बड़े हो गये हो ,कहकर छीन लिया बचप्पन

    by SATYADEO KUMAR November 18, 2019
    by SATYADEO KUMAR November 18, 2019

    तुम बड़े हो गये हो कहकर छीन लिया बच्चपन    पर हमने खुलकर जिया नही ये पूछते रहती है चेहरे से  दर्पण तुम बड़े हो गये हो कहकर ………… अब…

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    तुम किताब -सी होती मैं पन्नों -सा पढ़ता

    by SATYADEO KUMAR November 18, 2019
    by SATYADEO KUMAR November 18, 2019

    सत्यदेव कुमार तुम किताब- सी होती मैं तुम्हें पन्नों -सा पढ़ता तुम जिंदगी की हिसाब -सी होती मैं तुम्हें किताब -सा लिखता गुलाब -सी तुम होती इत्र -सा मैं महकता…

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    उन्होंने बेवफाई की किताब लिख दी

    by SATYADEO KUMAR September 18, 2019
    by SATYADEO KUMAR September 18, 2019

    सत्यदेव कुमार हम वफ़ा के चिठियाँ पढ़ते रहे और उन्होंने बेवफ़ाई की किताब लिख दी हम तो रोज सवरते रहे दुल्हन की तरह और उन्होंने किसी और के दुपट्टे पे…

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  • POEM

    इश्क़ में ऐसी मेरी हलात है

    by SATYADEO KUMAR September 13, 2019
    by SATYADEO KUMAR September 13, 2019

    सत्यदेव कुमार इश्क़ में ऐसी मेरी हलात है मेरा सभी कुछ मेरे पास है मुस्कुराने के हीं तो बात है उसके हँसी से मेरे इश्क़ की शुरूआत है थोड़े उनके…

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    इश्क़ में गिरकर संभलना आ जाता

    by SATYADEO KUMAR September 2, 2019
    by SATYADEO KUMAR September 2, 2019

    सत्यदेव कुमार वो मुझे इश्क़ में गिराकर संभाल लेती . तो गिरकर संभलना आ जाता । वो रोज सज्जती -सबरती है पर मेरी जिंदगी भी सवार देती , तो मुझे…

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    उसे मेरी याद आती तो होगी

    by SATYADEO KUMAR August 8, 2019
    by SATYADEO KUMAR August 8, 2019

    सत्यदेव कुमार उसे मेरी याद आती तो होगी वह जताती नहीं है मेरी तरह किसी के पूछने पर मुस्कुराकर गम छिपाती तो होगी उसे मेरी याद आती तो होगी चौकना…

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